हाल के दिनों में शेयर बाजार में गिरावट के कई प्रमुख कारण रहे हैं:
मुद्रास्फीति (Inflation): लगातार उच्च मुद्रास्फीति के कारण उपभोक्ता खर्च में कमी आई है, जिससे कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ा है और निवेशकों की चिंता बढ़ी है।
बढ़ता सार्वजनिक ऋण: सरकारी ऋण के बढ़ते स्तर ने आर्थिक स्थिरता पर सवाल खड़े किए हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी है।
राजनीतिक अनिश्चितता: अमेरिका में राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव और इससे जुड़ी नीतिगत अनिश्चितताओं ने निवेशकों के बीच भय पैदा किया है, जिससे बाजार में गिरावट आई है।
उच्च ब्याज दरें: बढ़ती ब्याज दरों के कारण उधारी की लागत में वृद्धि हुई है, जिससे कंपनियों के लिए विस्तार करना महंगा हो गया है और उपभोक्ताओं के लिए खर्च करना कठिन हो गया है।
उपभोक्ता खर्च में गिरावट: आवासीय बाजार में मंदी और उपभोक्ता विश्वास में कमी के कारण खर्च में गिरावट आई है, जिससे कंपनियों की आय प्रभावित हुई है।
क्रिप्टोकरेंसी बाजार में अस्थिरता: क्रिप्टोकरेंसी बाजार में हालिया उतार-चढ़ाव और नियामक परिवर्तनों ने व्यापक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता को बढ़ावा दिया है।
THE ATLANTIC
अत्यधिक लीवरेज और सट्टेबाजी: निवेशकों द्वारा अत्यधिक उधारी और सट्टेबाजी के कारण बाजार में बुलबुले बने, जो अंततः फूट गए और बाजार में गिरावट का कारण बने।
CMC MARKETS
इन कारकों के संयोजन ने निवेशकों के बीच भय और अनिश्चितता को बढ़ाया है, जिससे शेयर बाजार में हालिया गिरावट देखी गई है।
आरबीआई नीति अपडेट और वर्तमान रेपो रेट के रुझान (फ़रवरी 2025) 📊 आरबीआई नीति का ताज़ा अपडेट: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में आज महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीति दरों में बदलाव की घोषणा की है। इस निर्णय के पीछे महंगाई पर नियंत्रण और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने का मकसद है। 📈 वर्तमान रेपो रेट (Repo Rate) अपडेट: मौजूदा रेपो रेट: 6.25% (0.25% की कटौती) रिवर्स रेपो रेट: 3.10% (0.25% की कटौती) कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR): 4.50% रेपो रेट में कटौती का निर्णय आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने और क्रेडिट की उपलब्धता को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। 📌 रेपो रेट का अर्थ: रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है। जब रेपो रेट बढ़ता है, तो लोन महंगे हो जाते हैं और जब घटता है, तो लोन सस्ते हो जाते हैं। 🚀 रेपो रेट में कटौती का प्रभाव: लोन और ईएमआई: होम लोन और कार लोन पर ब्याज दरें घटेंगी, जिससे ईएमआई कम होगी। ब्याज दरें: एफडी और सेविंग्स पर ब्याज दरों में भी थोड़ी कमी आ सकती है। महं...
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