भारत का केंद्रीय बजट 2025-26: संपूर्ण विश्लेषण और प्रभाव
परिचय:
1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में भारत का केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। यह बजट विभिन्न वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों और नीतियों को लेकर आया है। सरकार ने मध्यम वर्ग, किसानों, उद्योगों और स्टार्टअप्स को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनाएँ प्रस्तुत की हैं। इस लेख में हम बजट के प्रमुख बिंदुओं, उसकी व्याख्या और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
1. आर्थिक वृद्धि और विकास का पूर्वानुमान
सरकार ने इस वर्ष 7.5% - 8% GDP वृद्धि का लक्ष्य रखा है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में बेहतर मानी जा रही है। प्रमुख कारक:
- बढ़ता विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Growth) और PLI स्कीम का प्रभाव।
- डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी सेक्टर में तेजी।
- रोजगार सृजन के लिए सरकारी निवेश में वृद्धि।
2. प्रत्यक्ष कर और आयकर में राहत
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत:
सरकार ने आयकर दायरे में बदलाव करके करदाताओं को राहत देने का प्रयास किया है। अब ₹12 लाख तक की वार्षिक आय कर-मुक्त होगी। नई कर स्लैब इस प्रकार हैं:
- ₹0 - ₹12 लाख: शून्य कर
- ₹12 - ₹16 लाख: 15%
- ₹16 - ₹20 लाख: 20%
- ₹20 - ₹24 लाख: 25%
- ₹24 लाख से अधिक: 30%
इस कर कटौती से मध्यम वर्ग को अधिक बचत करने का अवसर मिलेगा और उपभोग में वृद्धि होगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
3. सरकारी व्यय और प्रमुख खर्च क्षेत्र
सरकार ने इस वर्ष 50 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। प्रमुख खर्च क्षेत्र:
- रक्षा क्षेत्र: 6 लाख करोड़ रुपये
- स्वास्थ्य और शिक्षा: 7 लाख करोड़ रुपये
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: 10 लाख करोड़ रुपये
- सामाजिक कल्याण योजनाएँ: 8 लाख करोड़ रुपये
- डिजिटल और टेक्नोलॉजी क्षेत्र: 5 लाख करोड़ रुपये
4. कृषि और ग्रामीण विकास में सुधार
कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार ने कई नई योजनाओं की घोषणा की है। प्रमुख घोषणाएँ:
- किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य:
- आधुनिक तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म से किसानों को जोड़ा जाएगा।
- जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का विशेष फंड।
- बिहार और पश्चिम बंगाल में मखाना उत्पादन के लिए एक विशेष बोर्ड की स्थापना।
- प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि (PM-KISAN):
- सालाना वित्तीय सहायता को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹9,000 किया गया।
- इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
5. स्टार्टअप्स और MSME सेक्टर के लिए राहत
भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की हैं:
- स्टार्टअप इंडिया मिशन:
- स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कोष।
- टैक्स लाभ और कर्ज योजनाओं में छूट।
- MSME को बढ़ावा:
- MSME सेक्टर के लिए 50,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट सपोर्ट फंड।
- सस्ते ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए नए उपाय।
6. विदेशी निवेश और विनिवेश नीति
सरकार ने विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति बनाई है:
- बीमा और बैंकिंग सेक्टर में 100% FDI को मंजूरी।
- सरकारी कंपनियों में विनिवेश के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य।
- डिजिटल करेंसी (CBDC) की संभावनाओं का अध्ययन।
7. आधारभूत संरचना और शहरी विकास
सरकार ने इस बार के बजट में आधारभूत संरचना (Infrastructure) के विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं:
- राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन:
- 100 स्मार्ट शहरों का निर्माण।
- राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे नेटवर्क के विस्तार के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान।
- मेट्रो और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सुधार:
- 5 नए शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी।
- हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश।
8. स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन
- 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 50% बढ़ोतरी का लक्ष्य।
- 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
- ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: 10,000 करोड़ रुपये का फंड।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी।
9. सामाजिक सुरक्षा और सरकारी योजनाएँ
सरकार ने निम्नलिखित योजनाओं का विस्तार किया है:
- अटल पेंशन योजना का विस्तार।
- महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सामाजिक सुरक्षा फंड।
- बेरोजगार युवाओं के लिए विशेष स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम।
10. वित्तीय घाटा और सरकारी उधारी
- वित्तीय घाटे को 4.4% तक सीमित करने का लक्ष्य।
- सरकारी बॉन्ड्स और उधारी में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए नियम।
निष्कर्ष
बजट 2025-26 आर्थिक विकास को गति देने, सामाजिक कल्याण को बढ़ाने और आधुनिक भारत की नींव मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। कर राहत, कृषि सुधार, स्टार्टअप्स को समर्थन और बुनियादी ढांचे में निवेश के साथ, यह बजट विभिन्न वर्गों को सशक्त बनाने का प्रयास करता है।
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